‘क्रिप्टोक्यूरेंसी’ शब्द के बारे में अब तक लगभग सभी ने सुना होगा, लेकिन अधिकांश लोग अभी भी वास्तव में यह नहीं समझ पाए हैं कि यह क्या है?
Cryptocurrency ( क्रिप्टोकॉरेन्सी) शब्द क्रिप्टो और करेंसी के समन्वय से बना है. “Crypto” जिसका मतलब गुप्त और “currency” (करेंसी) का मुद्रा या फिर पैसा होता है,अर्थात एक ऐसी मुद्रा जो गुप्त है मतलब जिसकी कोई रूप नहीं है । मेरा मतलब ये है की, ये एक ऐसी मुद्रा है जिसको आप आज के प्रचलन में होने वाली कागज के नोट अथवा सिक्के जैसा नहीं है जिसे आप अपने बटुए में रख कर पैन्ट्स के पिछले जेब में रख लें। ये एक आभासी मुद्रा (Virtual Money) है जिसे आप आज भी इस्तेमाल करते हैं और आने वाले समय में करने वाले हैं।
अगर इसको तकनिकी तौर से परिभाषित करें तो हम ऐसे कह सकते हैं की क्रिप्टोक्यूरेंसी, क्रिप्टो-मुद्रा, या क्रिप्टो एक डिजिटल मुद्रा है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो इसे बनाए रखने या कायम रखने के लिए किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण, जैसे सरकार या बैंक पर निर्भर नहीं है।
क्योंकि यह लेनदेन को सत्यापित करने के लिए एन्क्रिप्शन (Encryption) का उपयोग करता है, इसीलिए इसका नाम क्रिप्टोक्यूरेंसी मिला। अब यह प्रश्न होता है की अगर यह बैंक के द्वारा संचालित नहीं होता न ही उस पर निर्भर होता है तो फिर हम इसे कहाँ जमा रखते हैं। तो इसका जवाब है, क्रिप्टो करेंसी को डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है।
यदि हम पैसे की अवधारणा के इतिहास में बहुत गहराई तक जाते हैं तो पाएंगे प्रारंभिक युग के मनुष्य इसकी शुरुआत वस्तु विनिमय प्रणाली से हुई, यानी आवश्यक वस्तुओं के लिए वस्तुओं का आदान-प्रदान। प्राचीन काल में जब धन की अवधारणा नहीं थी, हमने आवश्यक वस्तुओं के लिए दूसरी वस्तुओं का आदान-प्रदान करके अपनी आवश्यकता को पूरा किया करते थे, जिसको बार्टर सिस्टम (Barter System) कहते हैं।
फिर चमड़े के सिक्कों का चलन प्रारंभिक राजाओं के युग में आता है फिर धातु के सिक्के आए और फिर कुछ कीमती धातुओं (जैसे सोना,चांदी,और कांस्य ) के सिक्के आए जो भारत में अंग्रेजी साम्राज्य तक बने रहे। कुल मिलाकर, यह न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में धन की अवधारणा का विकास है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं पैसे के विकास पर व्याख्यान क्यों दे रहा हूं। प्यारे दोस्तों, ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे आपको बार्टर सिस्टम से क्रिप्टोकरेंसी में पैसे के परिवर्तन को समझने में आसानी होगी।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक अपेक्षाकृत नए प्रकार का मुद्रा है जो पारंपरिक मुद्रा की तुलना में पूरी तरह से अलग तरीके से संचालित होता है। जो हमारे रोजाना उपयोग में आते हैं। सबसे बुनियादी अंतर यह है कि यह विशेष रूप से एक आभासी मुद्रा है, जिसका अर्थ है कि क्रिप्टोकुरेंसी कोई भौतिक सिक्के या नोट नहीं हैं जिन्हें आप अपनी पिछली जेब में रख सकते हैं।
आज के मौजूदा समय में अनेकों क्रिप्टोकररेंसी व्यवहार्य में मौजूद है। जिसमे से बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Etherium), डोजेकोईन (Dogecoin) प्रमुखता से स्थापित है, इसके साथ और भी कई क्रिप्टोकररेंसी क्रिप्टो के अर्थ बाजार में उपलब्ध है जिसको लोग इस्तेमाल और व्यापार करते हैं।
व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड एक डिजिटल लेज़र में संग्रहीत किया जाता है, जो एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस है जो लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित करने, अतिरिक्त सिक्कों के निर्माण को नियंत्रित करने और सिक्का स्वामित्व के हस्तांतरण को सत्यापित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी (Cryptography)का उपयोग करता है।
करेंसी (Currency) नाम होने के बावजूद, क्रिप्टोकरेंसी को पारंपरिक अर्थों में मुद्रा के रूप में जरूरी नहीं माना जाता है और उनके लिए अलग-अलग श्रेणीबद्ध उपचार लागू किए गए हैं, जिसमें वस्तुओं, प्रतिभूतियों, साथ ही मुद्राओं के रूप में वर्गीकरण शामिल है, क्रिप्टोकरेंसी को आमतौर पर व्यवहार में एक अलग संपत्ति वर्ग के रूप में देखा जाता है।